Ganesh chaturthi। ganesh chaturthi kyu manayi jati hai

Ganesh Chaturthi kyu manayi jati hai or ganesh chaturthi ke upay bataye or ganesh mantra ya ganesh pujan vidhi ke bare me janiye kuch jaruri baathe.

हम गणेश चतुर्थी क्यों मनाते है

Ganesh Chaturthi
Ganesh Chaturthi

 

गणेश चतुर्थी हिंदूओं का एक प्रमुख त्यौहार है जो पूरे दस दिन तक चलता है यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। जिसमें वो अपने देवता गणेश के जन्म तौर पर मनाते हैं । गणेश जी भगवान शंकर और माता पार्वती के पुत्र हैं। जिन्हें 108 नामों से भी जाना जाता है। सभी देवताओं में सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती है।
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पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था।गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस प्रतिमा का नो दिन तक पूजन किया जाता है। बड़ी संख्या में आस पास के लोग दर्शन करने पहुँचते है। नो दिन बाद दसवें दिन गाजे बाजे से श्री गणेश प्रतिमा को किसी नदी, तालाब, पोखरा इत्यादि जल में विसर्जित किया जाता है।

प्रथम पूजनीय भगवान

भगवान गणेश को समृद्धि, बुद्धि और अच्‍छे भाग्‍य का देवता माना जाता है। भगवान गणेश, सर्वशक्तिमान माने जाते है। माना जाता है कि भगवान गणेश, मनुष्‍यों के कष्‍ट हर लेते है और उनकी पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। परंपरा के अनुसार, हर धार्मिक उत्‍सव और समारोह की शुरूआत भगवान गणेश की पूजा से ही शुरू होती है।

क्‍यों सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है

आज हम आपको कुछ महत्‍वपूर्ण और रोचक तथ्‍य बता रहे हैं कि किसी भी समारोह, उत्‍सव या अनुष्‍ठान में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले क्‍यों की जाती है| लोगों द्वारा भगवान गणेश की पूजा सर्वप्रथम करने और उसके पीछे के कारणों को जानना बेहद रोचक होता है।
बाधाओं को दूर करते है : हिंदू धर्म के सभी अनुयायियों का मानना है कि किसी भी नए काम को शुरू करते समय भगवान गणेश का पूजन करने से उसमें कोई बाधा नहीं आती है। ऐसा माना जाता है कि अगर आपकी सफलता के रास्‍ते में कोई बाधा आती है तो भगवान गणेश की पूजा करने से दूर हो जाती है।
आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि : भगवान गणेश जी की एक पत्‍नी सिद्धि है। सिद्धि, आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है। इसलिए भगवान गणेश की पूजा, आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्‍त करने का सबसे अच्‍छा तरीका माना जाता है। पारंपरिक रूप से, भगवान गणेश की सूंड सीधी तरफ घुमी हुई है इसी कारण उन्‍हे सिद्धि विनायक भी कहा जाता है।
बुद्धि : गणेश जी की एक पत्‍नी का नाम बुद्धि था, ऐसा माना जाता है। इसीलिए, भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का प्रदाता माना जा रहा है। हाथी के मस्तिष्‍क को बुद्धि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
समृद्धि : भगवान गणेश की एक पत्‍नी का नाम सिद्धि है। सिद्धि से तात्‍पर्य – समृद्धि से होता है। भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में संपन्‍नता और समृद्धि आती है। भगवान गणेश हमारे जीवन में आने वाली हर समृद्धि के शासक माने जाते है।
घंमड का नाश करते है : माना जाता है कि भगवान गणेश, घमंड, स्‍वार्थ और अभिमान का नाश करते है। भगवान गणेश, विविध और शानदार तरीके से भौतिक जगत को अभिव्‍यक्‍त करते है।
भावनाओं पर विजय पाते है : भगवान गणेश, ऊपरी बांए हाथ में एक कुल्‍हाड़ी धारण करते है जो उन्‍हे मानवीय भावनाओं से मुक्‍त दर्शाती है और उनके ऊपरी दांए हाथ में कमल है जो उनके अंदर हर भावना को दर्शाता है। अत: स्‍पष्‍ट है भगवान गणेश, भावनाओं पर विजय प्राप्‍त कर चुके है और मानव जाति का उद्धार करते है।
अंहकार मिटाते है : भगवान गणेश की पूजा करने से मनुष्‍य में मन में भरा अंहकार मिट जाता है। भगवान गणेश की सवारी जो उनके पास ही बैठता है, हमेशा दर्शाता है कि कोई भी व्‍यक्ति अंहकार को छोड़कर सही बन सकता है।
ज्ञान का उपयोग : भगवान गणेश सदैव बांए पैर को दाएं पैर रखकर बैठते है, जो उनके ज्ञान को दर्शाता है कि वह हर बात को अलग नजरिए से देखते है। यह दर्शाता है कि एक सफल जीवन जीने के लिए ज्ञान और भावनाओं का सही उपयोग करना चाहिए।
प्रणव का प्रतिनिधित्‍व करना : भगवान गणेश, ओम और प्रणव का प्रतिनिधित्‍व करते है। ओम्, हिंदू धर्म का प्रमुख मंत्र है। भगवान गणेश की किसी भी पूजा को शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप अवश्‍य किया जाता है।

भगवान गणेश जी से मनचाही मुराद पाने के उपाए

विवाह के लिए : 10 दिन तक ॐ ग्लौम गणपतयै नमः की 11 माला तथा गणेश स्तोत्र का पाठ नित्य करें। मोदक का भोग लगाएं।
भूमि प्राप्ति के लिए : 10 दिन तक संकटनाशन गणेश स्तोत्र एवं ऋणमोचन मंगल स्तोत्र के 11 पाठ करें।
भवन की प्राप्ति के लिए : 10 दिन तक श्रीगणेश पंचरत्न स्तोत्र एवं भुवनेश्वरी चालीसा अथवा भुवनेश्वरी स्तोत्र का पाठ करें।
संपत्ति प्राप्ति के लिए : 10 दिन नियमित श्री गणेश चालीसा, कनकधारा स्तोत्र तथा लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
धन-समृद्धि के लिए : गणेश स्तोत्र का पाठ तथा कुबेर यंत्र के पाठ के साथ ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः मंत्र की 11 माला नित्य 10 दिन करें
नौकरी प्राप्ति के लिए : 10 दिन विघ्ननाशक गणेश स्तोत्र का पाठ करें।
पारिवारिक समस्या : पारिवारिक समस्या के लिए उपरोक्त तरीके से पूजन कर ‘ॐ वक्रतुंडाय हुं’ का प्रयोग करें। माला मूंगे की हो।
विघ्नों को दूर करें : विघ्नों को दूर करने के लिए श्वेतार्क गणपति पर ‘ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा’ की 21 माला जपें।

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